Friday 21 October, 2011

प्रभात 5

एक आह लेकर सोयी चाँदनी,
एक स्वप्न लेकर जगी किरणें.
पलकों के मोती को दिखी रौशनी,
उर में जागी फिर से उमंगें.
शुभ प्रभात
September 18 at 11:10am

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